जटामांसी (Jatamansi herb) सहपुष्पी औषधीय पौधा होता है। जिसका प्रयोग तीखे महक वाला इत्र बनाने में किया जाता है। इसको जटामांसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके जड़ों में जटा या बाल जैसे तंतु लगे होते हैं। इनको बालझड़ भी कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार जटामांसी के फायदे इतने होते हैं कि आयुर्वेद में इसको कई बीमारियों के लिए औषधि के रुप में प्रयोग में लाया जाता है।
जटामांसी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. इसका इस्तेमाल त्वचा, बाल, पाचन, तनाव, इम्यूनिटी, और दिमागी सेहत के लिए किया जाता है.
जटामांसी के प्रयोग:
त्वचा के लिए: जटामांसी का तेल या पाउडर लगाने से झुर्रियां कम होती हैं और त्वचा नरम और चमकदार बनती है.
बालों के लिए: जटामांसी के पाउडर को नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से बाल मुलायम होते हैं.
पाचन के लिए: जटामांसी का चूर्ण पाचन शक्ति को बेहतर करता है और कब्ज़ में आराम देता है.
तनाव के लिए: जटामांसी का सेवन करने से तनाव कम होता है और डिप्रेशन के लक्षण कम होते हैं.
इम्यूनिटी के लिए: जटामांसी में इम्मुनोमोडुलेटर का गुण होता है, इसलिए इसका सेवन करने से इम्यूनिटी बेहतर होती है.
दिमागी सेहत के लिए: जटामांसी का सेवन करने से याददाश्त बेहतर होती है और एकाग्रता बढ़ती है.
जटामांसी का इस्तेमाल करने का तरीका:
जटामांसी का पाउडर या कैप्सूल बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं.
दो कप पानी को उबालें और फिर इसमें जटामांसी का पाउडर मिला लें.
जटामांसी के तेल से सिर की स्कैल्प पर मसाज करने से नींद अच्छी आती है.
जटामांसी चूर्ण से दाँतों मांजने से मुँह की दुर्गंध दूर होती है। इसके अलावा जटामांसी का काढ़ा बनाकर गरारा करने से भी मुख से बदबू आना कम होता है।
हिमालय, नेपाल, भूटान और सिक्किम जैसी जगहों पर पाई जाने वाली जटामांसी जड़ी बूटी हमारे स्कैल्प में ब्लड फ्लो को बढ़ाकर हेयर ग्रोथ को इंप्रूव करती है। साथ ही बालों का झड़ना रोकने और अन्य परेशानियों को दूर करने में भी मदद करती है।
तो अगर आप भी गंजे होते सिर और गुच्चा भर बालों के हाथ पर आने से परेशान हो गए हैं तो फिर एक बार इस खास जड़ी बूटी का इस्तेमाल जरूर करें।
हेयर मास्क बनाने का तरीका
अब सबसे पहले रात को सोने से पहले जटामांसी को एक बाउल में पानी रखकर भिगोने के लिए रख दें।
सुबह आप देखेंगे की पानी का रंग गाढ़ा हो गया है और जटामांसी गिलगीली हो गई है।
अब आपको ये करना है कि जटामांसी को पानी सहित मिक्सी में डाल दें और पीस लें।
जो पेस्ट तैयार हुआ है उसे छान लें। आप चाहें तो बारीक पेस्ट बनाकर उसे डायरेक्ट भी बालों पर लगा सकते हैं।
दूसरा तरीका है कि अगर आप पेस्ट को छानकर पानी अलग कर रही हैं तो फिर इसमें बताई गई गई मात्रा के अनुसार मेहंदी और नारियल का तेल मिक्स कर दें और स्मूथ पेस्ट तैयार कर लें।
अब आप इसे बालों पर लगाकर 1 घंटे कर रखें और फिर समय पूरा होने के बाद हेयर वॉश कर लें।
हर महीने इस हेयर मास्क का इस्तेमाल करें और बालों पर ऑयलिंग करना न भूलें।
जटामांसी हेयर ऑयल
बालों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है पोषण जो हमें ऑयलिंग के दौरान मिलता है। ऐसे में अगर आप बालों पर तेल नहीं लगाएंगी तो वो रूखे, बेजान और दोमुंहे हो जाएंगे। आप अपने बालों की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए जटामांसी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आजकल बालों पर तेल लगाने के कई टूल्स आ गए हैं, जिनकी मदद से आप स्कैल्प के अंदर तक तेल पहुंचा सकते हैं और उन्हें पोषण दे सकते है।