परिचय:
गोरखमुंडी एक सुगंधित, वार्षिक जड़ी-बूटी है, जो पूरे भारत, बांग्लादेश, चीन, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती है। यह मुख्य रूप से नम घास वाले मैदानों और धान के खेतों में उगती है। इसे अक्सर लोग खरपतवार समझ लेते हैं, लेकिन यह कई बीमारियों के उपचार में बेहद प्रभावी है।
स्वरूप:
जड़: गोरखमुंडी की जड़ भूरे रंग की होती है और औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
तना: इसका तना सीधा होता है, जिस पर पंख जैसी दांतेदार संरचनाएं होती हैं।
पत्तियां: हरे रंग की और लगभग 1-3 सेंटीमीटर लंबी होती हैं।
फूल: बैंगनी रंग के फूल गोल आकार के होते हैं, जो गुच्छों में खिलते हैं।
औषधीय गुण और उपयोग:
1. आंखों के लिए अमृत:
गोरखमुंडी के ताजे फूलों को खाली पेट निगलने से आंखों की रोशनी बनी रहती है और किसी भी प्रकार का नेत्र रोग नहीं होता।
गोरखमुंडी का शर्बत पीने से आंखों की जलन, लालिमा और धुंधलापन दूर होता है।
2. गठिया और जोड़ों का दर्द:
गोरखमुंडी के फलों को सोंठ के साथ मिलाकर सेवन करने से गठिया में आराम मिलता है।
इसका पेस्ट बनाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से सूजन और दर्द कम होता है।
3. बवासीर:
गोरखमुंडी के पत्तों का रस और अरंड के पत्तों का रस मिलाकर पीने से बवासीर में राहत मिलती है।
पत्तों का लेप मस्सों पर लगाने से सूजन कम होती है।
4. योनि संक्रमण और खुजली:
गोरखमुंडी का पंचांग पानी में पीसकर लगाने से योनि की खुजली और संक्रमण में लाभ होता है।
5. नपुंसकता:
गोरखमुंडी की जड़ का तेल तैयार करके लिंग पर मालिश करने से यौन शक्ति में वृद्धि होती है।
पान में गोरखमुंडी का रस लगाकर चबाने से नपुंसकता दूर होती है।
6. चर्म रोग:
गोरखमुंडी के पत्तों को पानी में पीसकर लगाने से खुजली, दाद और पुराने घाव में राहत मिलती है।
7. बालों के लिए:
गोरखमुंडी का चूर्ण भृंगराज के चूर्ण के साथ मिलाकर सेवन करने से सफेद बाल काले होने लगते हैं।
यह बालों का झड़ना भी रोकता है।
8. पाचन और पेट के रोग:
गोरखमुंडी का चूर्ण जल या दूध के साथ लेने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं।
पेट की वायु और कब्ज में भी यह फायदेमंद है।
9. मधुमेह और हृदय रोग:
गोरखमुंडी का सेवन करने से शुगर नियंत्रित रहती है।
इसके फलों का अर्क हृदय को मजबूत बनाता है और धड़कन को नियंत्रित करता है।
10. दीर्घायु और ताकत:
गोरखमुंडी के बीजों को पीसकर मिश्री के साथ सेवन करने से शारीरिक ताकत बढ़ती है और व्यक्ति दीर्घायु होता है।
सावधानियां:
गोरखमुंडी का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए।
अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में जलन या उल्टी हो सकती है।
इसके उपयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लेना उचित है।
👉 गोरखमुंडी एक चमत्कारी जड़ी-बूटी है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने, त्वचा रोगों को ठीक करने, जोड़ों के दर्द में राहत देने और यौन शक्ति को बढ़ाने में अत्यंत प्रभावी है। इसे सही मात्रा में उपयोग करने से कई बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।