पथरचट्टा जोड़ों के दर्द में आराम दे:यूरिन इंफेक्शन से राहत, ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल रखे, हड्डियां मजबूत बनाए; पत्थरी में फायदेमंद
यूरिन इंफेक्शन से राहत, ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल रखे, हड्डियां मजबूत बनाए; पत्थरी में फायदेमंद
इन दिनों आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। यूरीनरी इन्फेक्शन में इन्हें काफी असरदार माना जाता है। जान जहान में आयुर्वेदाचार्य डॉ. आर पी पराशर से जानते हैं इस खास हर्ब के इस्तेमाल और इसके फायदों के बारे में।
आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा
आयुर्वेद में बीमारियों के इलाज के लिए हजारों जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी सक्रिय तत्व पत्तियों, जड़ों, फूलों, छाल से मिलते हैं।
ये हर्ब्स मेंटल हेल्थ के साथ-साथ फिजिकल हेल्थ को भी फायदा पहुंचाते हैं। ये कई तरह के इंफेक्शन को दूर करते हैं और बीमारियों से शरीर का बचाव करते हैं। इन दिनों आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।
पत्थरचट्टा या कलानचो
पत्थरचट्टा को कलानचो के नाम से जाना जाता है। इसे कैथेड्रल बेल्स, एयर प्लांट, वंडर ऑफ द वर्ल्ड, मिरेकल लीफ भी कहते हैं। पत्थरचट्टा के पौधे पूरे भारत में पाए जाते हैं।
इसे आमतौर पर एयर प्लांट के रूप में जाना जाता है। इसमें लंबे खोखले स्टेम होते हैं। इसमें बेल जैसे पेंडुलस फूल और मांसल हरे पत्ते होते हैं। पत्थरचट्टा का वैज्ञानिक नाम ब्रायोफिलम पिनेटम है। पत्थरचट्टा एक औषधीय पौधा है, जो पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है।
न्यूट्रिशन से भरपूर है पत्थरचट्टा
पथरचट्टा एल्कलॉइड्स, फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, ट्राइटरपेन्स, कार्डिएनोलाइड्स, बुफैडियनोलाइड्स, लिपिड और स्टेरॉयड जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड से समृद्ध होता है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर के अलावा, इसमें आयरन, कॉपर, जिंक, पोटेशियम, निकेल, कैल्शियम, सोडियम, लीड, कैडमियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं। आयुर्वेद में स्टोन को डिजोल्व करने की शक्ति होने की वजह से इस पौधे का नाम पथरचट्टा पड़ा।
पत्थरचट्टा किसी चमत्कारी जड़ी बूटी से कम नहीं
यह कैंसर पैदा करने वाली सेल्स के कारण होने वाले बदलाव को कम कर सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। यह फंगस और माइक्रो के विकास को रोक सकता है। यह सूजन को कम कर सकता है।
यह पेट में अल्सर बनने से रोक सकता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है। यह किडनी स्टोन को खत्म कर सकता है। पत्थरचट्टा यूरीनरी इन्फेक्शन को भी दूर कर सकता है।
जोड़ों के दर्द में कैसे कारगर है पत्थरचट्टा
जोड़ों के दर्द में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कई तरह से फायदेमंद है। ये असल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि हड्डियों के दर्द को कम करता है और सूजन में कमी ला सकता है।
ये हड्डियों को अंदर से मजबूत बनाता है और इनके कामकाज को बेहतर करता है। साथ ही इसके टिशूज को हेल्दी रखता है और इस दर्द में कमी लाता है।
इसे कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं
पत्थरचट्टा के पत्ते
100 ग्राम पत्थरचट्टा के पत्ते लें। उन्हें अच्छी तरह कूट लें। इन पत्तियों से रस तैयार कर लें। आधा कप रस सुबह और शाम खाली पेट लिया जा सकता है। इस जूस के सेवन से न सिर्फ इन्फेक्शन दूर हो जाता है, बल्कि पथरी वाला कैल्शियम फॉस्फेट पेशाब के रास्ते बाहर निकल आता है।
पत्थरचट्टा का रस
बाजार में भी पत्थरचट्टा के जूस मिलते हैं। इसका 20-30 एमएल जूस लें। दिन में दो बार इसका इस्तेमाल करें। सुबह लेने पर खाली पेट लें।
घर में तैयार काढ़ा
पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए इसकी कुछ पत्तियां लेकर पानी से अच्छी तरह धो लें। इसे एक गिलास पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें। उबलने के बाद इसे छान लें। रोजाना सुबह इसका सेवन करें।
आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में पथरचट्टा का इस्तेमाल करते हैं। – Dainik Bhaskar
आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में पथरचट्टा का इस्तेमाल करते हैं।
चाय के रूप में
पथरचट्टा की कुछ ताज़ी या सूखी पत्तियों को पानी में उबाल लें। इसे छान लें। यदि शुगर पेशेंट नहीं हैं, तो शहद की कुछ बूंद डालकर पी सकती हैं।
पत्थरचट्टा का लेप लगाएं
पत्थरचट्टा का लेप, हड्डियों के दर्द और सूजन को तेजी से कम कर सकता है। पत्थरचट्टा के पत्तों को पीसकर और इसमें हल्दी मिलाकर इसका लेप तैयार कर लें और फिर इसे अपने जोड़ों पर लगाएं और हल्के हाथों से मालिश करें। इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। रोजाना दिन में तीन बार इसे ऐसे ही लगाएं। ये हड्डियों की सेहत के लिए फायदेमंद है।
घर में लगा सकते है पत्थरचट्टा का पौधा
पथरचट्टा का पौधा गमलों में आसानी से उग सकता है। यह बीज से नहीं उगता है। यह पौधे की पत्तियों से फैलता है। एक पत्ती से 5-10 पौधे तैयार हो सकते हैं। इसमें रोज पानी देना जरूरी है।