दांत

दांत…..

महर्षि वागभट्ट के मत के अनुसार 9 से 10 प्रकार के दांत नीचे दिए गए पेड़ से आसानी से मिल जाते हैं।

करंज, नीम, बरगद, आम, जामुनी, बावल, खिजडो, खेर, आल, अशोक (आसोपालव), गुलर, आंवला, हरडे

ऊपर बताए गए सभी पेड़ों के दांत अच्छे काम के हैं

📌जेठ महीने में आम के दांत करने से शरीर में खांसी की समस्या कम होती है, बाल रहते हैं काले और साल भर सेहत बनी रहती है। आम के दांत तभी करने चाहिए जब सच्चे आम का असली सीजन शुरू हो।

📌 नीम के दांत होली के बाद करने चाहिए, ये दांत गर्मियों में खासकर चैत्र वैशाख में करने चाहिए, ये नीम बहुत ही अच्छा है, गर्मी से छुटकारा और ताजा गर्मी से छुटकारा दिलाती है।

📌 नीम के दांत गर्मी में ही करने चाहिए

📌 बरगद के दांत मानसून में भी किए जा सकते हैं और गर्मियों में भी किए जा सकते हैं। बरगद के दांत दांतों की पीढ़ी को मजबूत करते हैं। लत कमजोर दांतों को स्वस्थ बनाती है।

📌 खेर के दांत गर्मी में करने चाहिए जिससे गर्मी में चाँद निकल जाये ,

📌 बावल के दांत (देशी बावल) किसी भी मौसम में इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सर्दियों में ज्यादा काम आते हैं। इस देसी बावल के दांतों में सल्फर है जो इंसान की लत से मुक्ति के लिए बहुत उपयोगी है।

📌 आंवला और जड़ी बूटी के दांत किसी भी मौसम में कर सकते हैं, सुरक्षित हैं इसके दांत

📌 गुलर, खिजडो खेर ये भी एक सुरक्षित दांत है। इसके अलावा छेदी नहर के दांत खराब तेजाब भी बंद हो जाते हैं और जो दौड़ में आधे चढ़ जाते हैं उन्हें आंवले के पेड़ से दान करना चाहिए।

📌दाँतों से मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है और दांतों में प्योरिया नामक बीमारी भी ठीक होती है। ये दांत भी आठ दस दिन नियमित दान करने से, साथ ही मोधिदात टूथपेस्ट से बेहतर ताजगी

इसे याद रखना

✏️ तीन महीने तक इन सभी प्रकार के दांतों को पूरा करने के बाद एक और पौधे का दान लेते हुए।

✏️ इस दांत को 8 उंगलियां लंबी और एक उंगलियां जड़ से लें और यह रसदार है।

✏️ चबाये हुए दांत काटना और नए दांतों से दान करना।

✏️ बेहतर है ताजे दांत लाना लेकिन अगर ना मिले तो दांत के बाद इस्तेमाल किये हुए हिस्से को काट कर पानी में रखें।

यह दांत बेहद उपयोगी और फायदेमंद हैं।

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